Atal Bihari Vajpayee
श्री अटल बिहारी वाजपेयी भारत के तीन बार के प्रधानमंत्री रह चुके हैं । इनका जन्म 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था । वे हिन्दी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे। वे भारतीय जनसंघ के संस्थापको में एक थे और 1967 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने लम्बे समय तक 'राष्ट्रधर्म', 'पाच्चजन्य' और वीर-अर्जुन' आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया । और जब भारतीय जनता पार्टी से जुड़े थे तब उसके बाद ही पत्रकारिता को छोड़ दिया था
अटल बिहारी वाजपेयी प्रधान मंत्री के रूप में
वे तीन बार प्रधानमंत्री बने पहली बार 13 दिन के लिए 16 मई से 1 जून 1996 तक, दूसरी बार फिर 13 महीने के लिए 1998 से 1999 तक तथा तीसरी बार 1999 से 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे ।
वह चार दशकों से भारतीय संसद के सदस्य थे, वह लोकसभा (निचले सदन) के सदस्य दस बार और दो बार राज्य सभा, के सदस्य रह चुके है या (ऊपरी सदन) में चुने गए । उन्होंने लखनऊ के लिए संसद सदस्य के रूप में कार्य किया, 2001 तक उत्तर- प्रदेश जब स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्त हुए । अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयं- सेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ करने वाले वाजपेयी राष्ट्रीय जन तांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमंत्री पद के पाँच साल बिना किसी समस्या के पूरे किये
आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेने के कारण इन्हें भीष्मपितामह भी कहा जाता है। उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें 91 मंत्री ।
2005 से वे राजनीति से सन्यास ले चुके थे और नई दिल्ली में 6-A कृष्णा मेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते थे। 16 अगस्त 2018 को एक लम्बी बिमारी के बाद अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान दिल्ली में श्री वाजपेयी का निधन हो गया।
वे जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे । उन्हें 2015 में भारत का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार 'भारत रत्न' Bharat Ratna से सम्मानित किया गया । केन्द्र सरकार ने पूर्व प्रधान- मंत्री जी श्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके जन्म दिवस को 'सुशासन दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया।